October 8, 2025

जलंधर का वध करने आए श्रीहरि क्यों उसके वश में हो गए और महालक्ष्मी संग करने लगे उसके लोक में वास- कार्तिक माहात्म्य, तेरहवां अध्याय

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नारदजी बोले- दैत्यों के तीक्ष्ण प्रहारों से व्याकुल देवता इधर-उधर भागने लगे. तब इंद्र आदि को इस प्रकार भयभीत देखकर गरूड पर सवार भगवान युद्ध में आगे बढ़े. उन्होंने अपने शारंग धनुष का जोरदार टंकार किया. त्रिलोक गूंज उठा.

पलमात्र में भगवान ने अनिगनद दैत्यों के सिर काट गिराए. यह देख जलंधर क्रोध से कांपने लगा. भगवान और जलंधर में धोर संग्राम शुरू हुआ. बाणों से आकाश भर गया.
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