Shiva kajri teej
प्रभु शरणं के पोस्ट की सूचना WhatsApp से चाहते हैं तो अपने मोबाइल में हमारा नंबर 9871507036 Prabhu Sharnam के नाम से save कर लें। फिर SEND लिखकर हमें उस नंबर पर whatsapp कर दें।
जल्दी ही आपको हर पोस्ट की सूचना whatsapp से मिलने लगेगी।

विवाह को जीवन का आवश्यक संस्कार बताया गया है. विवाह के योग प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में होते हैं लेकिन कुछ ऐसे कारक हैं जो उसमें विलंब कराते हैं. ज्योतिषशास्त्र में मंगल, शनि, सूर्य, राहु और केतु को विलंब का कारक बताया गया है.

जन्मकुंडली के सप्तम भाव में अशुभ या क्रूर ग्रह के स्थित होने अथवा सप्तमेश व उसके कारक ग्रह बृहस्पति व शुक्र के कमजोर होने से विवाह में बाधा आती है.

आम बोलचाल के शब्दों में कहें तो अगर आपके जीवन में विवाह का योग पैदा करने वाले ग्रहों के मुकाबले वे ग्रह ज्यादा हावी हैं जो विवाह योग को रोकते हैं, तो विवाह में बाधा आती है.

अगर आपकी कुंडली में मंगल दोष है तो 28 साल की आयु तक विवाह न होना एक सामान्य बात है. घबराएं नहीं, 28 के बाद विवाह की प्रबल संभावना बनती है. बस आपको ध्यान यह रखना है कि किसी अन्य ग्रह के कारण उसमें विघ्न न आए.

महिलाओं के लिए बृहस्पति पति, पुत्र तथा धन का प्रतिनिधि ग्रह है. इसलिए कन्याओं के विवाह पर गुरु की स्थिति का सबसे ज्यादा प्रभाव होता है.
शेष अगले पेज पर. नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here