[sc:fb]

पिप्लाद को बात समझ में आ गई. वह शिवजी के चरणों में गिर पड़े. ध्यान रखें क्रोध एक आंच है. आप ज्यादा समर्थवान हैं तो संभव है दूसरों की ज्यादा क्षति कर सकते हैं लेकिन ध्यान रहे उसकी आंच से आप भी अछूते नहीं रह सकते.

यदि आप शत्रु का शरीर जला देते हैं तो ध्यान रहे कि आग जलाते समय आपके शरीर के भी कुछ उपयोगी रोएं जल जाते हैं जिनपर ध्यान बाद में जाता है और पीड़ा बाद में महसूस होती है.

हम ऐसी कथाएँ देते रहते हैं. फेसबुक पेज लाइक करने से ये कहानियां आप तक हमेशा पहुंचती रहेंगी और आपका आशीर्वाद भी हमें प्राप्त होगा. https://www.facebook.com/PrabhuSharanam कथा पसंद आने पर हमारे फेसबुक पोस्ट से यह कथा जरुर शेयर करें.

धार्मिक चर्चा में भाग लेने के लिए हमारा फेसबुक ग्रुप ज्वाइन करें. https://www.facebook.com/groups/prabhusharnam

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here