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बुद्ध ने उससे कहा कि वह अपने साथ लाए नमक को झील के पानी में मिला दे. आदेश पाकर उसने एक मुठ्ठी नमक झील में फेंक दिया. फिर बुद्ध ने अपने थैले में से एक लोटा निकाला.
लोटा देकर युवक से कहा- झील में से लोटा भर लाओ. वह लोटा भर लाया तो बुद्ध ने उस पानी को पीने का निर्देश दिया. युवक ने ऐसा ही किया. उस पानी को आनंदपूर्वक प्रेम से पी गया.
एक बार फिर बुद्ध ने पूछा- बताओ अब तुम्हें पानी का स्वाद कैसा लगा? एक मुट्ठी नमक पहले भी मिलाया था, एक मुठ्ठी नमक अब भी मिलाया. क्या अभी भी तुम्हें ये खारा लग रहा है?
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