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साकमश्व ने कक्षीवान से कहा- यह मेरा उत्तर है. मेरे पिता का भी यही उत्तर है. ऐसा कहकर उसने अपने सभी आठ पूर्वजों के नाम ले कर उनका कलंक धो डाला.

सामकश्व की इस खोज के बाद कि बिना लय ताल संगीत के मंत्र पढना बेकार है यज्ञ में ऋग्वेद की ऋचाओं के साथ सामवेद के साम का भी गायन आरम्भ हुआ एवं काव्य को संगीत का साथ मिला. स्रोत: आदि पुराण
संपादनः राजन प्रकाश
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तो इस कारण होती है धन की देवी लक्ष्मी के साथ बुद्धि के देवता गणेशजी की भी पूजा

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