[sc:fb]
गणेशजी ने तुलसी से कहा कि वृक्ष रूप में तुम भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण को अत्यंत प्रिय हो जाओगी.
पृथ्वी पर तुम्हारी पूजा होगी. जिस पूजा संस्कार में तुम्हारा प्रयोग नहीं होगा वह पूजा अधूरी रहेगी लेकिन मेरे पूजन में तुम्हारा प्रयोग वर्जित होगा. गणेशजी के शाप के कारण तुलसी का विवाह असुरराज जलंधर से हुआ. जलंधर दरअसल शिवजी का ही अंश था.
शिवजी ने एक बार इंद्र की परीक्षा लेने के लिए अवधूत का रूप धरा लेकिन इंद्र पहचान नहीं पाए और उनपर वज्र से प्रहार कर दिया.
शिवजी ने इंद्र को भस्म करने के लिए अपने ललाट से विशाल अग्निपुंज पैदा किया लेकिन ब्रह्मा आदि देवताओं ने प्रार्थनाकर उनका क्रोध शांत किया. शिवजी ने उस अग्निपुंज को समुद्र में फेंक दिया. सिंधु से मिलते ही वह अग्निपुंज ने एक शरीर धारण कर लिया.
सिंधु ने उसका लालन-पालन किया. वह सिंधुपुत्र असुरराज जलंधर बना जिससे तुलसी का विवाह हुआ. तुलसी के शाप से गणेश की दो पत्नियाँ ऋद्धि और सिद्धि हुईं.
उधर तुलसी का पति जलंधर असीमित शक्तियों का स्वामी बनकर अत्याचार करने लगा. वह शिवजी का अंश था. ब्रह्मा से उसने वरदान हासिल किया था. इसलिए रक्षा के लिए देवताओं ने शिवजी से प्रार्थना की.
बह्रमाजी ने तुलसी को भी वरदान दिया था कि उसके पति को तब तक कोई हरा नहीं पाएगा जब तक उसका पतिव्रत अखंड रहेगा. शिवजी और जलंधर का हजार साल तक युद्ध हुआ लेकिन तुलसी के सतीत्व के कारण उसे हराना संभव नहीं था.
देवताओं ने विष्णुजी से उपाय निकालने को कहा. आखिरकार विष्णुजी तुलसी का सतीत्व भंग करने को तैयार हुए.
वह अपने दो अनुचरों जय-विजय के साथ तुलसी के महल पहुंचे. जय-विजय ने ब्राह्मण का वेश लिया था और जाकर तुलसी को कहा कि जलंधर का वध हो गया है. उन दोनों ने जलंधर का कटा हुआ सिर भी दिखाया लेकिन तुलसी को विश्वास नहीं हुआ. तभी विष्णुजी जलंधर का वेश बनाकर तुलसी के पास पहुंचे.
पति के मौत की खबर से निराश तुलसी अचानक पति को देखकर इतनी खुश हो गई कि उसने जांच की जरूरत नहीं समझी. उसने जलंधर वेशधारी विष्णुजी को गले लगा लिया.
तुलसी का पतिव्रत भंग हो गया था. शिवजी ने जलंधर का वध कर दिया. अब तुलसी को पता चल गया कि यह उसका पति नहीं. तुलसी के कहने पर भगवान अपने रूप में आए.
तुलसी ने उन्हें शाप दे दिया कि जैसे मुझे पति वियोग हुआ है आपको भी मानव अवतार लेना पड़ेगा और पत्नी वियोग सहना पड़ेगा.
तुलसी का क्रोध अभी शांत नहीं हुआ था. उसने भगवान को एक और शाप दिया- आपका हृदय पत्थर का बना है इसलिए आप पत्थर हो जाइए.
जय-विजय को इस पाप का भागीदार होने के कारण तुलसी ने शाप दिया कि तुम श्रीहरि के पत्नी वियोग का कारण बनोगे. जय-विजय रावण और मारीच हुए जिन्होंने सीताहरण कर प्रभु को पत्नी वियोग दिया.
तुलसी के शाप के बाद सभी देवता वहां प्रकट हो गए और उन्होंने तुलसी से कहा कि इसमें प्रभु का दोष नहीं है. हमारी जिद पर उन्होंने ऐसा किया. आप उन्हें क्षमा कर दें.
तुलसी ने कहा- श्रीहरि पर शाप का असर तो तभी होता है जब वह उसे स्वीकार करें. मैंने अपने शाप से उन्हें मुक्त कर दिया है.
श्रीहरि बोले- मैं शाप स्वीकार करता हूं. मैंने तुलसी का पतिव्रत भंग किया इसलिए मैं इसे पत्नी के रूप में स्वीकार करता हूं. यह धरती पर तुलसी के पौधे के रूप में पूजी जाएंगी औऱ मैं इनके चरणों में शालिग्राम बनकर पड़ा रहूंगा.
बिना तुलसी का भोग लगाए देव पूजा अधूरी रहेगी. प्रतिवर्ष मेरा और तुलसी के विवाह का आयोजन होगा उसके बाद ही मानव विवाह संस्कार आरंभ करेंगे. इसी कारण हर साल विष्णु भगवान के चतुर्मास विश्राम के बाद तुलसी विवाह कराया जाता है और उसके बाद विवाह शुरू होते हैं.
उधर तुलसी का शाप गणेशजी का पीछा भी कर रहा था और पीड़ित भी. गणेशजी को तो एक सुंदर लीला का बहाना मिल गया था. ब्रह्मचारी गणेशजी विवाह के लिए परेशान थे.
तुलसी के शाप के कारण गणेशजी का विवाह ऋद्धि-सिद्धि से हुआ. गणेशजी विवाह के लिए शापित थे. अब उनका शरीर भारी था साथ में शीश के स्थान पर हाथी का मस्तक, इसलिए न तो कोई देवकन्या न कोई ऋषिकन्या उनसे विवाह करने को राजी होती.
गणेशजी के सभी मित्रों का विवाह होता जाता था. इससे गणेशजी को ठेस लगी. गणेशजी देवों के विवाह में विघ्न डालने लगे. वह अपने वाहन चूहे को भेज देते.
चूहा देवों के बारात के रास्ते और मंडप के नीचे खुदाई कर देता. इससे मार्ग और मंडप धंस जाता. इस आपा-धापी में विवाह का शुभ मुहूर्त निकल जाता. गणेशजी इतने शक्तिशाली थे कि कोई देवता उनसे शिकायत की हिम्मत भी नहीं रखता था.
देवों ने ब्रह्माजी को परेशानी बताई.ब्रह्माजी हंसने लगे और उन्हें बताया कि यह सब वृंदा के शाप के कारण हो रहा है.
उन्होंने अपने पुत्र विश्वकर्माजी की सहायता ली और ऋद्धि-सिद्धि नामक दो कन्याओं से गणेशजी का विवाह कराया. गणेशजी की यह लीला कथा ब्रह्मवैवर्त पुराण से है.
[irp posts=”7405″ name=”परिवर्तिनी एकादशी चतुर्मास विश्राम में हरि आज बदलेंगे करवट”]
उनके विवाह की कथा भी बड़ी रोचक है किसी और दिन विस्तार से सुनाउंगा. प्रभु शरणम् एप्प में इसे विस्तार से सुनाया था. आप प्रभु शरणम् एप्प ही क्यों नहीं डाउनलोड कर लेते. वहां ज्यादा सरलता से ऐसी अनगिनत कथाएं पढ़ पाएंगे. ऐप्प का लिंक नीचे है. क्लिक करके डाउनलोड कर लें.
संकलन व संपादनः राजन प्रकाश
आप प्रभु शरणम् ऐप्प डाउनलोड कर लें. यह कोई व्यवसायिक कार्य नहीं है. धर्मप्रचार का कार्य है. ऐप्प डाउनलोड के लिए प्रेरित इसलिए करता हूं क्योंकि वहां पोस्ट करना आसान है. दिन में कई पोस्ट देता हूं. वेबसाइट पर पोस्ट डालना एक टेढ़ा काम है. समय ज्यादा लगता है. आपके लिए लाभ की बात यह है कि ऐप्प की हर पोस्ट के बाद आपको नोटिफिकेशन का मैसेज भी आता है. इस तरह कोई पोस्ट छूट नहीं सकती. सभी महत्वपू्र्ण मंत्र, चालीसा, पूजा विधि, वेद-पुराण कथा, ज्योतिष, राशिफल, रामायण, हिंदू पंचांग सबकुछ है वहां. फिर क्यों नहीं उसे ही डाउनलोड करके लाभ लेना. 4 mb का छोटा सा ऐप्प हिंदुओँ के लिए बहुत उपयोगी है. फ्री है. डाउनलोड करने के बाद पसंद न आए तो डिलिट कर दीजिएगा, कौन से पैसे खर्च हो रहे हैं. लिंक नीचे है-
हिंदू धर्म से जुड़ी सभी शास्त्र आधारित जानकारियों के लिए प्रभु शरणम् से जुड़ें. धर्मप्रचार के लिए बना सर्वश्रेष्ठ हिंदू ऐप्प प्रभु शरणम् फ्री है.
Android मोबाइल ऐप्प डाउनलोड करने के लिए यहां पर क्लिक करें
धार्मिक अभियान प्रभु शरणम् के बारे में दो शब्दः
सनातन धर्म के गूढ़ रहस्य, हिंदूग्रथों की महिमा कथाओं ,उन कथाओं के पीछे के ज्ञान-विज्ञान से हर हिंदू को परिचित कराने के लिए प्रभु शरणम् मिशन कृतसंकल्प है. देव डराते नहीं. धर्म डरने की चीज नहीं हृदय से ग्रहण करने के लिए है. तकनीक से सहारे सनातन धर्म के ज्ञान के देश-विदेश के हर कोने में प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से प्रभु शरणम् मिशन की शुरुआत की गई थी. इससे देश-दुनिया के कई लाख लोग जुड़े और लाभ उठा रहे हैं. आप स्वयं परखकर देखें. आइए साथ-साथ चलें; प्रभु शरणम्!
[irp posts=”6945″ name=”ऐसे करेंगे शिवलिंग की पूजा तो शीघ्र रीझ जाएंगे शिवजी”]
इस लाइऩ के नीचे फेसबुक पेज का लिंक है. इसे लाइक कर लें ताकि आपको पोस्ट मिलती रहे. धार्मिक व प्रेरक कथाओं के लिए प्रभु शरणम् के फेसबुक पेज से जु़ड़े, लिंक-
हम ऐसी कहानियां देते रहते हैं. Facebook Page Like करने से ये कहानियां आप तक हमेशा पहुंचती रहेंगी और आपका आशीर्वाद भी हमें प्राप्त होगा: Please Like Prabhu Sharnam Facebook Page
धार्मिक चर्चा करने व भाग लेने के लिए कृपया प्रभु शरणम् Facebook Group Join करिए: Please Join Prabhu Sharnam Facebook Group
God is always greater