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महात्माजी सारा माजरा समझ गए. उन्होंने किसान से कहा कि अमीर होने का तरीका है. वह कठिन तो नहीं पर तुम कर नहीं पाओगे.
उसने महात्माजी के पैर पकड़ लिए- महात्माजी कठिन हो या सरल, आप मुझे बस वह तरीका बताएं.
महात्माजी ने बताया- ‘हर रोज सूर्योदय से पहले एक हंस आता है. उस हंस के दर्शन आसान तो नहीं हैं लेकिन जो भी उसे एकबार देख ले, उसका धन दिन दोगुना, रात चौगुना बढ़ता है. हंस के दर्शन की कोशिश तुम्हें लगातार करनी होगी.’
किसान सूर्योदय से पहले उठा. हंस को खोजने खलिहान की ओर गया. वहां उसने देखा कि एक रिश्तेदार अनाज चुराकर भाग रहा है. पकड़े जाने पर वह माफी मांगने लगा. रिश्तेदार ने पहले की सारी चोरियों का माल लौटाया. उसने यह भी बताया कि इस चोरी मैं और कौन-कौन शामिल है.
उसके बाद वह गौशाला पहुंचा. वहां एक नौकर दूध चुरा रहा था. गौशाला में गंदगी के कारण बुरा हाल था. चूंकि मालिक ही देर तक सोता था तो नौकर भी देर तक सोते रहते थे. उसने नौकरों को फटकार लगाई और उन्हें धमकाया कि अगर काम में लापरवाही हुई तो नौकरी से निकाल देगा.
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