October 8, 2025

श्रीरामचरितमानस-बालकांडः नहिं कोउ अस जनमा जग माहीं, प्रभुता पाइ जाहि मद नाहीं

सतीजी का त्यागकर महादेवजी ने कैलाश पर्वत पर लंबी समाधि ले ली है. सती पति द्वारा परित्यक्त स्त्री की भांति रह रही हैं. उन्हें अपना जीवन व्यर्थ लगता है परंतु…

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श्रीरामचरितमानस-बालकांडः राम नाम सिव सुमिरन लागे, जानेउ सतीं जगतपति जागे

सतीजी को अनुमान है कि महादेव अब सबकुछ जान चुके हैं. उनके मन में कई संताप हैं. महादेव के वचन पर संदेह क्यों किया, श्रीरामजी की परीक्षा क्यों ली, फिर…

श्रीरामचरितमानस- बालकांडः कृपासिंधु सिव परम अगाधा, प्रगट न कहेउ मोर अपराधा

सतीजी द्वारा श्रीरामजी की परीक्षा लेने के लिए सीताजी का रूप धरने से भोलेनाथ को बड़ी पीड़ा हुई है. वह धर्मसंकट में हैं. सीताजी उनके लिए माता सदृश हैं. सतीजी…

कजरी तीज को शिव-पार्वती पूजन

श्रीरामचरितमानस-बालकांडः एहिं तन सतिहि भेंट मोहि नाहीं, सिव संकल्पु कीन्ह मन माहीं

सतीजी द्वारा देवी सीता बनकर श्रीरामजी की परीक्षा लेने के कारण भोलेनाथ व्यथित हैं और धर्मसंकट में पड़े हैं. श्रीराम उनके आराध्य हैं. सती ने अज्ञानतावश कुछ काल के लिए…

श्रीरामचरितमानस-बालकांडः जीव चराचर जो संसारा, देखे सकल अनेक प्रकारा

महादेव के समझाने पर भी सतीजी को विश्वास नहीं है कि श्रीरामचंद्रजी परमात्मा स्वरूप हैं. प्रभु लक्ष्मणजी के साथ वन में घूमकर सीताजी को खोज रहे हैं. श्रीरामजी की परीक्षा…

श्रीरामचरितमानस- बालकांडः होइहि सोइ जो राम रचि राखा, को करि तर्क बढ़ावै साखा

महादेव श्रीरामचंद्रजी के दर्शन को आए और पास जाकर कुशलक्षेम न पूछा बस जय सच्चिदानंद कहकर अभिवादन किया. देवी सती को यह बात विचित्र लगी कि देवाधिदेव एक साधारण राजकुमार…

श्रीरामचरितमानस-बालकांडः बिष्नु जो सुर हित नरतनु धारी, सोउ सर्बग्य जथा त्रिपुरारी

सीताजी का रावण ने हरण कर लिया है. भगवान श्रीराम भाई लक्ष्मणजी के साथ वन में सीताजी को खोज रहे हैं. अंतर्यामी प्रभु ने मानवरूप धरा है. इसलिए वह सहज…

श्रीरामचरितमानस- बालकांडः अति बिचित्र रघुपति चरित जानहिं परम सुजान

शिवजी के हृद्य में श्रीराम के दर्शन की अभिलाषा उत्पन्न हुई है और वह उसपर विचार रहे हैं. प्रभु का अवतार गोपनीय है इसलिए वह दर्शन को प्रत्यक्ष नहीं जा…

श्रीरामचरितमानस- बालकांडः हृदयँ बिचारत जात हर केहि बिधि दरसनु होइ

कल के प्रसंग से आगे… याज्ञवल्क्यजी भरद्वाज मुनि को प्रयाग भूमि में श्रीराम कथा की महिमा का अमृतमय वर्णन आरंभ करते हैं. रामकथा ससि किरन समाना। संत चकोर करहिं जेहि…

श्रीरामचरितमानस-बालकांडः संत चंद्रमा की शीतलता धारण करेंगे तो असंत अग्नि का विध्वंस. जैसी प्रकृति वैसी प्रवृति

अब आप बिना इन्टरनेट के व्रत त्यौहार की कथाएँ, चालीसा संग्रह, भजन व मंत्र , श्रीराम शलाका प्रशनावली, व्रत त्यौहार कैलेंडर इत्यादि पढ़ तथा उपयोग कर सकते हैं.इसके लिए डाउनलोड…

श्रीरामचरितमानस माला- बालकांडः खल से वैर से अच्छा है हजार मुख वाले शेष समझकर विनयभाव रखना

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श्रीरामचरितमानस-बालकांडः जैसे मिटै मोर भ्रम भारी, कहहु सो कथा नाथ बिस्तारी

याज्ञवल्क्य-भरद्वाज संवाद तथा प्रयाग माहात्म्य श्रीराम की सुंदर कथा का लोभ ऐसा हैं जिसका मैं संवरण नहीं कर पाया. शीघ्रातिशीघ्र रामकथा पर आने का आकर्षण ऐसा है कि मानस निर्माण…

श्रीरामचरितमानस माला, बालकांडः संत का स्वभाव तो पुष्प जैसा है, उसका भी कल्याण करते हैं जो उनका अहित सोचता है

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श्रीरामचरितमानस-बालकांडः नामु राम को कलपतरु कलि कल्यान निवासु, जो सुमिरत भयो भाँग तें तुलसी तुलसीदासु

तुलसीदासजी अपने बुद्धि-विवेक से जब श्रीराम और श्रीरामनाम की महत्ता के अंतर्द्वंद्व से निकल आते हैं. उन्हें श्रीराम नाम ज्यादा प्रभावशाली और कल्याणकारी प्रतीत होता है. ऐसा विचार करके तुलसीदास…

श्रीरामचरितमानस- कृष्न तनय होइहि पति तोराः

श्रीरामचंद्रजी के प्रभाव को साक्षात समझकर सतीजी लौट आई हैं. भोलेनाथ उनसे पूछते हैं कि कैसे परीक्षा ली आपने तो घबराई सती महादेव से असत्य कहती हैं. चौपाई : सतीं…

श्रीरामचरित मानस मालाः गुरू वंदना-बालकांड

भगवान श्रीरामचंद्रजी के आशीर्वाद से श्रीरामचरित मानस की शृंखला आरंभ हुई है. प्रभु से प्रार्थना है कि हम भक्तों के दिन का आरंभ श्रीराम सुमिरन से निर्विध्न कराने में समर्थवान…