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पति-पत्नी दोनों के बीच दूरियां किसी अन्य वजहों से हैं तो ऐसे में वांक्षाकल्पलता का 1,100 बार पाठ एवं हवन ब्राह्मणों द्वारा करावें.
ललिता सहस्त्रनाम पुस्तक में वर्णित सौभाग्य स्तोत्र को भी पति-पत्नी के बीच की कटुता दो दूर कर प्रेम बढ़ाने वाला माना जाता है.
सौभाग्य स्तोत्र 1100 बार पाठ संभव हो तो स्वयं करें या वेदपाठी ब्राह्मणों द्वारा करावें.
ये सारे उपाय आपके दांपत्य जीवन की बाधाओं का निवारण करके उसे सुखमय बनाने में सहायक हो सकते हैं.
पूजा-अनुष्ठान के अलावा इन ग्रहों की शांति के लिए ज्योतिषीय परामर्श से रत्न भी धारण कर सकते हैं. ध्यान रहे रत्न दूषित या शुद्धता में कम न हों.
प्रस्तुतकर्ताः
डॉ. नीरज त्रिवेदी,
स. प्रोफेसर ज्योतिष (राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान)
ज्योतिषाचार्य, पीएचडी (ज्योतिष)
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय
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