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मंगला गौरी उपवास रखने के लिये सुबह स्नान आदि कर व्रत का प्रारम्भ किया जाता हैं. एक चौकी पर सफेद लाल कपडा बिछाना चाहिए.
सफेद कपडे पर चावल से नौ ग्रह बनाते है, तथा लाल कपडे पर षोडश माताएं गेंहूं से बनाते है.
चौकी के एक तरफ चावल और फूल रखकर गणेश जी की स्थापना की जाती है.
दूसरी और गेंहूं रख कर कलश स्थापित करते हैं.कलश में जल रखते है.
आटे से चौमुखी दीपक बनाकर कपडे से बनी 16-16 तार कि चार बतियां जलाई जाती है.सबसे पहले श्री गणेश जी का पूजन किया जाता है.
पूजन में श्री गणेश पर जल, रोली, मौली, चन्दन, सिन्दूर, सुपारी, लोंग, पान,चावल, फूल, इलायची, बेलपत्र, फल, मेवा और दक्षिणा चढाते हैं.
इसके पश्चात कलश का पूजन भी श्री गणेश जी की पूजा के समान ही किया जाता है.
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