ग्रहमंडल के राजा जहां भगवान सूर्यदेव हैं तो वहीं उनके पुत्र शनिदेव को न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट का पद दिया गया है। माना जाता है कि मनुष्य पृथ्वीलोक पर जो भी अच्छे-बुरे कार्य करता है उसका फल शनिदेव देते हैं जिसे वह इसी पृथ्वीलोक पर भोगकर जाता है। इस तरह मनुष्य अपने साथ कर्मों की बड़ी गठरी लेकर जाने से बच जाता है जिसका भुगतान उसे अगले जन्म में करना पड़ता।

शनिदेव का दंडविधान बड़ा अटल है। बड़ी तकलीफें झेलनी पड़ती हैं लेकिन शनिदेव को प्रसन्न कर लेना भी बड़ा सरल है। शनि प्रसन्न हो जाएं तो न केवल उनके प्रकोप से राहत मिल जाती है बल्कि वह सब प्राप्त हो जाता है जिसकी लालसा या कामना रही है।

इसलिए शनि की दशा या शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव में आते ही व्यक्ति के अच्छे या बुरे दिन शुरु हो जाते हैं। जिसके जैसे कर्म होते हैं, उसे वैसा ही भाग्य भोगना पड़ता है।

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शनिदेव के दरबार में एकदृष्टि है परन्तु यदि शनिदेव को प्रसन्न कर लिया जाए तो व्यक्ति को बहुत से कष्टों से राहत मिल जाती है और इस प्रकार उसका अच्छा समय शुरु हो सकता है।

इसलिए आज हम आपको ऐसे ही कुछ उपाय बताने जा रहे हैं जिन्हें करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। इन उपायों को किसी भी शनिवार को या शनि अमावस्या, शनि प्रदोष, शनि जयंती को किया जा सकता है। ये उपाय सरल हैं एवं स्वयं किए जाने वाले उपाय हैं और इससे शनि के प्रकोप से निश्चित ही लाभ मिलता है।

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