हमारा फेसबुक पेज लाईक करें.[sc:fb]

इस संसार से जाते समय सभी एक जैसे जाते हैं, धनी बनकर कौन जाता है? सब कुछ यहीं छूट जाता है परन्तु जिसके पास आपका नाम रूपी धन है वह तो मरकर भी वो अपने साथ अनंत धन ले जाता है.

रुक्मिणीजी का उत्तर सुनकर लीलाधर निरूत्तर होकर प्रसन्न मन से मुस्काराने लगे.

प्रभु भक्तों, अधिकमास आरंभ हो चुका है. यह पुरुषोत्तम मास है. यह नाम स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने दिया था. इस मास में हम श्रीकृष्ण लीलाएं देने का प्रयास कर रहे हैं. यह कथा हमें Whatsapp से मिली.

प्रभु शरणम्

कहानी पसंद आई तो हमारा फेसबुक पेज https://www.facebook.com/PrabhuSharanam जरूर लाइक करें. हम ऐसी कहानियां देते रहते हैं. पेज लाइक करने से ये कहानियां आप तक हमेशा पहुंचती रहेंगी और आपका आशीर्वाद भी हमें प्राप्त होगा.

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here