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सृष्टि के आधार त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश ही परमात्मा के आदिस्वरूप हैं. कई प्रश्न इन दिनों मेल पर और Whatsapp के माध्यम से पूछे जा रहे हैं. गीता प्रेस के एक आलेख में इस पर ज्ञानवर्धक लेख पढ़ा था.

वह आलेख त्रिदेवों के रहस्य से परिचित कराने में दीपक का कार्य करता है. गीता प्रेस को आभार व्यक्त करते हुए उस आलेख के अंश आपके समक्ष रख रहा हूं. कल से एकादशरूद्र की कथा आरंभ करूंगा.
– राजन प्रकाश
आलेख का अंशः
सनातन में पंचदेवोपासना अनादि काल से चली आ रही है. विष्णु के मानने वाले वैष्णव, शिव उपासक शैव, शक्ति उपासक शाक्त, सूर्य उपासक सौर गणपति आराधक गाणपत्य संप्रदाय विश्वभर में हैं. पंचदेवों में शिव, शक्ति और गणेश तो, शिव परिवार से ही हैं.

मनुष्यों, देवताओं के अतिरिक्त असुर भी शिवोपासना करते हैं इसलिए शैवों की संख्या अधिक होगी. स्वयं शिव विष्णु की उपासना करते हैं और विष्णु शिव को जगतगुरू मानते हैं. उपासना की पद्धतियां अनेक हैं, परामात्मा तो एकाकार ही हैं.

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1 COMMENT

  1. Very nice story but I ‘ve one request. Could u plz make a different katha sangrah of Shiv-Shakti related stories in the table of content/ menu like for Bhagwadgeeta, Ramprashnawali etc coz there r very interesting stories related to Mahadev but very less in comparison to that of Narayan n his Avataar related stories. Om Namah Shivay.

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