और सुबह – सुबह माँ लक्ष्मी और भगवान विष्णु धरती पर पहुँच गये। अभी सूर्य देवता निकल ही रहे थे, रात बरसात हो कर हटी थी, चारो ओर हरियाली ही हरियाली थी, उस समय चारो ओर बहुत शान्ति थी, और धरती बहुत ही सुन्दर दिख रही थी, और माँ लक्ष्मी मन्त्र मुग्ध हो कर धरती को देख रही थी, और भूल गई कि पति को क्या वचन दे कर आई है? और चारो ओर देखती हुयी कब उत्तर दिशा की ओर देखने लगी पता ही नही चला।
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