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न तो तुम इसे देखना, न ही इसे दूसरों को दिखाना. दूसरे थैले में तुम्हारे अपने दोष भरे हैं. उसे सामने लटका लो और बार-बार खोलकर देखा करो. यह आदेश देकर ब्रह्माजी ने मनुष्य को रवाना कर दिया.
मनुष्य ने दोनों थैले उठा लिए लेकिन उससे एक भूल हो गयी. ब्रह्मा ने अपनी बुराइयों का थैला सामने लटकाने को कहा था लेकिन मनुष्य ने उसे पीठ पर लाद लिया और उसका मुंह कसकर बंद कर दिया.
अपने पड़ोसी की बुराइयों से भरा थैला उसने सामने लटका लिया उसका मुंह खोलकर वह उसे बार-बार देखता रहता है और दूसरों को भी दिखाता रहता है. इससे उसने जो वरदान ब्रह्माजी से मांगे थे वे भी उलटे हो गए.
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.बहुत सुन्दर ……..अभिनन्दन
आपके शुभ वचनों के लिए हृदय से कोटि-कोटि आभार.
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