हमारा फेसबुक पेज लाईक करें.[fblike]
बड़ा विचित्र है. न तो कभी बहुत खुश दिखता है न कभी बहुत दुखी. शांत भाव से अपने आप में विभोर रहता है. वह है तो थोड़ा अजीब पर ज्यादा सुखी है. क्यों न उससे मिलकर दोस्ती की जाए, कुछ सीखा जाए.
वह ऊपर वाले पक्षी के पास गया. जब नजदीक पहुंचा तो महसूस हुआ कि सूर्य की किरणों जैसे सुनहरे पंखों में से रोशनी आ रही है. उस रोशनी में उसने खुद को देखा तो अपना शरीर सड़ता-गलता नजर आया.
ऐसा महसूस हुआ मानो वह काफी समय से थोड़ा-थोड़ा करके गल रहा था पर आभास नहीं हो पा रहा था. फिर उस पक्षी से निकली किरणें उसे अपने में समेट कर पवित्र कर रही हैं उसकी पीड़ा शांत कर रही हैं.
सुनहरे पंखों वाले ऊपर की डाल के पक्षी को परमात्मा समझिए और नीचेवाले को जीवात्मा. जीवात्मा ही सारे सुख-दुख भोग रहे हैं जैसे उस पक्षी को कभी मीठे तो कभी कड़वे फल मिल जाते थे.
शेष अगले पेज पर. नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें.