कोई किसी भी धर्म का मानने वाला क्यों न हो उसका अपमान न कीजिए. यह एक गर्व गाथा है. एक बादशाह ने हिंदू धर्म का अपमान किया. कारिंदे ने बादशाह को अच्छा सबक सिखाया. इसे अंत तक पढ़ें, गर्व करें.
अकबर ने राजनीतिक कारणों से जोधाबाई से विवाह कर लिया. महल में पूजा-पाठ की अनुमति भी दे दी, लेकिन हिंदू धर्म को लेकर उसके मन में आदर न था. हिंदुओं के देवताओं पर वह बहुत चुटकी लिया करता था.
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एक बार अकबर ने बीरबल से कहा- तुम्हारे भगवान और हमारे खुदा में बहुत फर्क है. हमारा खुदा दुनिया में जब भी जरूरत हो अपने पैगम्बर भेजकर काम कर देता है, जबकि तुम्हारा भगवान बारबार आता है. तुम्हारे भगवान को अपने दूतों पर इतना अविश्वास क्यों है?
बीरबल ने उस समय कुछ बोलना उचित न समझा. बस इतना कहा ईश्वर को बार-बार क्यों आना पड़ता है, इसका मर्म तब समझ में आएगा जब आपको व्यवहारिक अनुभव होगा.
बात बीरबल के मन में लग गई थी. उन्होंने ठाना कि ईश्वर का उपहास करने वाले राजा को सबक सिखाना पड़ेगा.
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