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संतान गोपाल मंत्र के जप की विधिः
– पति-पत्नी दोनों सुबह स्नानकर पूरी पवित्रता के साथ उपरोक्त मंत्र के एक निश्चित अवधि में जप का संकल्प लें.
– जप के लिए तुलसी की माला का प्रयोग करें.
– पूजाघर में या मंदिर देवालय में भगवान श्रीकृष्ण की बालस्वरूप मूर्ति या चित्र की चन्दन, अक्षत, फूल, तुलसी दल और माखन का भोग लगाकर घी के दीपक जलाएं एवं कर्पूर से आरती करें.
– भगवान की पूजा के बाद या आरती के पहले उपरोक्त संतान गोपाल मंत्र का जप करें. मंत्र जप के बाद भगवान से समर्पित भाव से निरोग, दीर्घजीवी, अच्छे चरित्रवाला, सेहतमंद पुत्र की कामना करें.
– यह मंत्र जप पति-पत्नी साथ में या अकेले भी कर सकते हैं.
– संतान प्राप्ति के लिए पुत्रेष्टि यज्ञ भी कराए जाते हैं. पुत्रेष्टि यज्ञ एवं संतान गोपाल यंत्र के द्वारा अवश्य ही संतान की प्राप्ति होती है.
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संतान गोपाल यंत्र उपयोग विधिः
– संतान गोपाल यंत्र की गुरुपुष्य नक्षत्र में पूजन एवं प्रतिष्ठा करें.
– उसके पश्चात् संतान गोपाल स्त्रोत्र का पाठ करने से शीघ्र ही गृह में कुलीन एवं अच्छे गुणों से युक्त संतान की उत्पत्ति होती है तथा माता पिता की सेवा में ऐसी संतानें हमेशा तत्पर रहती हैं.
– संतान गोपाल यंत्र को गोशाला में प्रतिष्ठित करके गोपालकृष्ण का मंत्र का जप श्रद्धापूर्वक करने से वध्या को भी शीघ्र ही पुत्ररत्न उत्पन्न होता है तथा सभी गुणों से सम्पन्न होता है.
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ऋतु स्नान जिस दिन करे वो दिन पहला दिन गिना जायेगा की नही जय श्री राम