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उसके पहले तीनों बेटों के नामों का उनके गुणों पर कोई प्रभाव न था. वे सभी संसार में कोई रुचि न रखने वाले विरक्त से स्वभाव के हुए. राजा ने मदालसा से कहा कि इस प्रकार तो उसकी वंश परंपरा ही नष्ट हो जायेगी.

यह देखकर चौथे बालक अलर्क को प्रवृत्ति मार्ग का उपदेश देना चाहिए. मदालसा ने अलर्क को धर्म, राजनीति आदि अनेक क्षेत्रों की शिक्षा दी. अलर्क अपने भाइयों के समान विरक्त नही हुआ. इस तरह मदालसा तथ ऋतुध्वज की कुल परंपरा चली.

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