लेटेस्ट कथाओं के लिए प्रभु शरणम् मोबाइल ऐप्प डाउनलोड करें।
Android मोबाइल ऐप्प के लिए क्लिक करें
iOS मोबाइल ऐप्प के लिए क्लिक करें
इंद्र के उपदेश तथा वेद व्यासजी के आदेश पर अर्जुन ने दिव्यास्त्र प्राप्त करने के लिए भगावन शिव की ओर तपस्या आरंभ कर दी. कई महीने तक एक पैर पर खड़े होकर शिव बीजमंत्र का जप करते रहे.
उनके शरीर से तेज निकलने लगा. इस कारण ॠषि-मुनियों को पूजा-पाठ में बाधा होने लगी. ऋषियों के अनुरोध पर देवताओं ने महादेव से प्रार्थना की कि वे अर्जुन को दर्शन देकर उसका अभीष्ट पूर्ण करें.
महादेव ने देवताओं को आश्वस्त किया तो वे अपने स्थान को लौट गए. उनके जाने के बाद देवी पार्वती ने पूछा- अर्जुन को क्या चाहिए? महादेव ने बताया कि अर्जुन को दिव्य अस्त्र-शस्त्र चाहिए.
देवी ने पूछा- अर्जुन को दिव्यास्त्र प्रदान करने में क्या बाधा है? महादेव बोले कि अभी इस बात की परख नहीं हुई कि अर्जुन क्या उन दिव्यास्त्रों का प्रयोग कर लेगा? उसकी परीक्षा लेकर देखूंगा. यदि योग्यता हुई तो उसका अभीष्ट ही पूरा होगा.
शेष अगले पेज पर. नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें.