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कुछ शुभ कार्य जो पंचक में कर सकते हैं-

पंचक में पड़े उत्तराभाद्रपद नक्षत्र वार के साथ मिलकर सर्वार्थसिद्धि योग बनाता है. धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्रों को यात्रा, व्यापार, मुंडन आदि कार्यों के लिए उत्तम माना गया है. इस दौरान सगाई, विवाह जैसे शुभ कार्य भी वंचित नहीं हैं.

पंचक में आने वाले तीन नक्षत्र पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद व रेवती यदि रविवार को होते हैं तो इससे चर, स्थिर व प्रवर्ध जैसे शुभ योग बनते हैं. जो सफलतादायी व धनदायी हैं.

पंचक परिहारः

पंचक के दौरान प्रतिदिन पांच घटी (दो घंटे) विशेष सावधानी के होते हैं. उस समय का ध्यान कर लें तो इसकी अशुभता का प्रभाव काफी हद तक कम किया जा सकता है. आइए जानते हैं किस नक्षत्र में किस समय विशेष सावधानी के होते हैं-

धनिष्ठा नक्षत्रः शुरू के पांच घटी यानी नक्षत्र आरंभ के शुरूआती दो घंटे में रखें सावधानी

शतमिषा नक्षत्रः मध्य की पांच घटी.

पूर्वाभाद्रपद नक्षत्रः शुरू की पांच घटी यानी दो घंटे

उत्तरा भाद्रपदः अंत की पांच घटी यानी दो घंटे

रेवती नक्षत्रः इस नक्षत्र में पूरे दिन सावधानी रखने की बात ज्योतिषशास्त्र में कही गई है.

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2 COMMENTS

    • आपके शुभ वचनों के लिए हृदय से कोटि-कोटि आभार.
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