[sc:fb]
लेकिन जब उन्हें पता चला कि अंबरीष ने बिना प्रतीक्षा किए पारण कर लिया है तो उन्हें मारने के लिए भयानक कृत्या उत्पन्न कर दिया. श्रीहरि की सुरक्षा में तैनात सुदर्शन चक्र ने अंबरीष की रक्षा की थी. (भागवत कथा)

दुर्वासा ने भगवान श्रीराम की भी परीक्षा ली थी. एक बार यमराज मुनि का वेष धारण करके भगवान श्रीराम के पास आए. उन्होंने श्रीराम के साथ शर्त रखी कि उनकी वार्ता के बीच कोई न आए.

यदि कोई विघ्न डालने आता है तो उसे प्राणदंड मिलेगा. श्रीराम ने ऐसा आदेश कर दिया. तभी दुर्वासा आ गए और उन्होंने हठ करके लक्ष्मणजी को अंदर भेज दिया. जिससे श्रीराम ने लक्ष्मण का त्याग कर दिया. (रामायण की कथा)
शेष अगले पेज पर. नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here