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विशेष लाभ के लिए करें सूर्य मंत्रों का जप एवं हवनः
सूर्य को शांत करने के लिए उनके बीच मंत्र अथवा तंत्र-मंत्र की एक निश्चित संख्या में जप एवं हवन के लिए शास्त्रों में कहा गया है.
“ऊं घृणि सूर्याय नमः” सूर्य का तंत्र-मंत्र है.
“ऊं ह्रीं ह्रौं सूर्याय नमः” सूर्य का बीज मंत्र है.
दोनों में से किसी मंत्र का जप एवं हवन करा लेना चाहिए. सूर्य के मंत्र की सात हजार की संख्या में जप का विधान है किंतु कलियुग में चतुर्गुणित यानी चौगुना जप करना होता है.
इसलिए किसी भी सूर्य मंत्र का 28,000 की संख्या में जप करने के बाद सूर्य की समिधा जिसमें मदार की लकड़ी जरूर हो, उससे हवन जरूर करना चाहिए.
यह जप एवं हवन किसी रविवार, संक्रांति या सप्तमी तिथि को प्रारंभ करना चाहिए. यह आप स्वयं भी कर सकते हैं या किसी वेदपाठी ब्राह्मण द्वारा संकल्प लेकर करा सकते हैं.
सूर्य शांति के ज्योतिषीय प्रयोग. नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें.
अपने अन्तरनिहित दुरगूणौ का आहुति
आपके शुभ वचनों के लिए हृदय से कोटि-कोटि आभार.
आप नियमित पोस्ट के लिए कृपया प्रभु शरणम् से जुड़ें. ज्यादा सरलता से पोस्ट प्राप्त होंगे और हर अपडेट आपको मिलता रहेगा. हिंदुओं के लिए बहुत उपयोगी है. आप एक बार देखिए तो सही. अच्छा न लगे तो डिलिट कर दीजिएगा. हमें विश्वास है कि यह आपको इतना पसंद आएगा कि आपके जीवन का अंग बन जाएगा. प्रभु शरणम् ऐप्प का लिंक? https://goo.gl/tS7auA
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