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अग्नि ने उदर यानी पेट में स्थान बनाया. वरुण ने रसना यानी जीभ में वायुदेव ने प्राणवायु के रूप में नाक में, आकाश ने शरीर के हर रिक्त भाग में डेरा जमाया.

इस प्रकार जब सबने अपने लिए स्थान चुन लिए तो भूख-प्यास ने ब्रह्मा से उनके लिए भी कुछ प्रबंध करने को कहा.

ब्रह्मा ने कहा- तुम्हारे लिए अलग से प्रबंध की जरूरत ही नहीं. दोनों को मैं इन देवों के बीच बांट देता हूं. इनके आहार में तुम्हारा हिस्सा होगा. उनकी संतुष्टि से तुम्हें संतुष्टि मिलेगी.

सबकी जगह बन गई. ब्रह्मा ने भूख और प्यास को हर देवता के साथ कर दिया. देवों चिंता हुई कि इनके निर्वाह के लिए अन्न न हुआ तो काम कैसे चलेगा. अगर तृप्ति न हुई तो सब लड़ मरेंगे.

ब्रह्मा ने अन्न बनाया. अन्न को लगा कि मुझे तो पैदा करने से पहले ही ब्रह्मा ने मेरे विनाशक भी बना दिए थे. वह पैदा होते ही जान बचाकर भागा.
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