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रावण से अंगद वापस लेकर आए तो रावण को भी काल का मुंह देखना पङा परंतु कैकेयी जी के कारण रघुकुल की आन बची.

यदि कैकेयी श्रीराम को वनवास न भेजतीं तो रघुकुल का सौभाग्य वापस न लौटता.

कैकेयी ने कुल के हित में कितना बड़ा कार्य किया और सारे अपयश तथा अपमान को झेला. इसलिए भी श्रीराम माता कैकेयी को सर्वाधिक प्रेम करते थे.

(यह एक लोककथा है. भक्ति में डूबी लोककथाओं का भी आनंद लेना चाहिए )

यह कथा कबींद्र सिंह रघुवंशी जी के माध्यम से WhatsApp के द्वारा प्राप्त हुई.

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