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भूख की वजह से वह परेशान थी. उसे पछतावा हो रहा थी कि अगर कुछ दिनों पहले ही जाला बुन लेती तो अच्छा रहता. अफसोस में वह बैठी रही.
जब मकड़ी निराश हो गई तो उसने पास से गुजर रही चींटी से मदद मांगी.
चींटी बोली- मैं बहुत देर से तुम्हें देख रही थी. तुम बार-बार अपना काम शुरू करती हो और दूसरों के कहने पर उसे अधूरा छोड़ देती हो. जो लोग ऐसा करते हैं, उनकी तो यही हालत होती है.
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