हमारा फेसबुक पेज लाईक करें.[sc:fb]ल ने एक युक्ति लगाई. उन्होंने अकबर को एक दिन यमुना में परिवार समेत नौका विहार करने को राजी किया.

वहां कुछ बड़ी नावों की व्यवस्था पहले से ही करवा दी थी. यमुना का लबालब भरी थी. पानी उछाल मार रहा था.

जिस नाव में बीरबल ने अकबर को बिठाया उसी नाव में एक तरफ एक दासी अकबर के दुधमुंहे बेटे के साथ बैठी.

बीरबल ने अकबर के बेटे की शक्ल का एक मोम का पुतला भी बनवाया. उसे हुबहू राजकुमार जैसे कपड़े पहना दिए गए. पुतला अकबर का बेटा दिख रहा था.

दासी को बीरबल ने सब कुछ सिखा दिया था. नाव जब यमुना के बीच पहुँची और हिलने लगी तब दासी ने ऐसा स्वांग रचा जैसे बच्चा उछलकर पानी में गिरा हो.

उसने मोम के पुतले को नदी में गिराकर चिल्लाना शुरू कर दिया. अकबर ने उसकी चीख सुनी और समझ गया कि उसका शहजादा नदी में गिर गया है.
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