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अक्षय पुण्यफलदायी है सोमवती अमावस्या. कैसे करें आज विशेष पूजा?
सोमवती अमावस्या को अत्यंत पुण्य तिथि माना जाता है. मान्यता है कि सोमवती अमावस्या के दिन जो मनुष्य व्यवसाय में परेशानियों से जूझ रहे हो पीपल वृक्ष के नीचे तिल के तेल का दीपक जलाकर और ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का जाप करें. उनकी व्यवसाय में आ रही समस्या रुकावट दूर हो जाएगी.

सोमवती अमावस्या के पर्व पर अपने पितरों के निमित्त पीपल का वृक्ष लगाने से जातक को सुख-सौभाग्य, संतान, पुत्र, धन की प्राप्ति होती है और उसके समस्त पारिवारिक कष्ट समाप्त हो जाते हैं.

ऐसी मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में श्राद्ध करने से पितरों कि आत्माओं को शांति मिलती है. पवित्र नदियों, प्रयाग आदि तीर्थों में स्नान, ब्राह्मण
भोजन, गौदान, अन्नदान, वस्त्र, स्वर्ण आदि दान का बहुत महत्व माना गया है.

सोमवार भगवान शिव जी का दिन माना जाता है सोमवती अमावस्या तो पूर्णरूपेण शिव जी को समर्पित होती है इसलिए इस दिन भगवान शिव की कृपा पाने के लिए शिवजी का अभिषेक करना चाहिए, या बेलपत्र, कच्चा दूध,मेवे,फल,मीठा,जनेऊ आदि चढ़ाकर ॐ नम: शिवाय का जाप करना चाहिए.

मान्यता है कि सोमवती अमावस्या के दिन सुबह सुबह नित्यकर्मों से निवृत्त होकर किसी भी शिव मंदिर में जाकर सवा किलो साफ चावल अर्पित करते हुए भगवान शिव का पूजन करें। पूजन पश्चात यह चावल किसी ब्राह्मण अथवा जरूरतमंद व्यक्ति को दान करें.

शास्त्रों के अनुसार सोमवती अमवस्या पर शिवलिंग पर चावल चढ़ा कर उसका दान करने से अक्षय पुण्य मिलता है लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है.

शास्त्रों में वर्णित है कि सोमवती अमावस्या के दिन उगते हुए भगवान सूर्य नारायण को गायत्री मंत्र उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देने गरीबी और दरिद्रता कभी भी नही आ सकती. यह क्रिया आपको अमोघ फल प्रदान करती है.

सोमवती अमावस्या के दिन 108 बार तुलसी के पौधे की श्रीहरि-श्री हरि अथवा पीपल के पेड की ॐ नमो नारायण जाप करते हुए परिक्रमा करें. इससे जीवन में आ रहे सभी आर्थिक संकट निश्चय ही समाप्त हो जाते हैं.

जिन लोगों का चंद्रमा कमजोर है, वह यदि गाय को दही और चावल खिलाएं तो उन्हें अवश्य ही मानसिक शांति प्राप्त होगी.

इसके अलावा मंत्र जाप, सिद्धि साधना एवं दान कर मौन व्रत धारण करने से पुण्य प्राप्ति और भगवान का आशीर्वाद मिलता है.

सोमवती अमावस्या को जो व्यक्ति धोबी,धोबन को भोजन कराता है,सम्मान करता है, दान दक्षिणा देता है, उसके बच्चों को कापी किताबें, फल, मिठाई, खिलौने आदि देता है उसके सभी मनोरथ अवश्य ही पूर्ण होते हैं.

इस दिन ब्राह्मण, भांजा और ननद को फल, मिठाई या शृंगार की सामग्री का दान करना बहुत ही उत्तम फल प्रदान करता है.⁠⁠⁠⁠

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