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इसके अलावा शनि महात्मय का श्रवण करें, दूसरों को सुनाएं. शनिदेव ने हनुमानजी को वचन दिया था कि वह उनके भक्तों को पीड़ित नहीं करेंगे. इसलिए आपकी आराधना बिना हनुमत आराधना के पूरी नहीं होगी.
हनुमान चालीसा का पाठ करें. जिनके पास समय हो और कर सकते हों वे सुंदर कांड का पाठ यदि एक बार कर लें तो और उत्तम है, अन्यथा हनुमान चालीसा और बजरंग बाण तो पढ़ ही लें. आपके एप्प में यह सब मौजूद है.
यदि आप यात्रा में हैं और मंदिर जाना संभव नहीं है तो भी ऊपर बताए गए पाठ तो यात्रा में भी कर सकते हैं. उससे पहले पावित्रीकरण मंत्र पढ़ते हुए शरीर पर जल छिड़ककर शुद्ध हो लें.
यात्रा में आपको शनिस्तोत्र, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण के साथ-साथ नवाक्षरी मंत्र का जाप करें तो विशेष लाभकारी होगा. मंत्र इस प्रकार हैः
“कोणस्थ: पिंगलो बभ्रु: कृष्णौ रौद्रोंतको यम:।
सौरी: शनिश्चरो मंद:पिप्पलादेन संस्तुत:।।”
प्रभु शरणम्
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