लिंग विग्रह में शिवजी की पूजा करनी चाहिए या मूर्ति विग्रह  में. यह प्रश्न हर शिवभक्त के मन में आता है. पुराणों के आधार पर जानेंगे कि शिवलिंग पूजना चाहिए या शिव की मूर्ति…

फेसबुक पेज लाइक करें-
[sc:fb]

शिवजी की पूजा लिंग विग्रह में श्रेष्ठ है या फिर शिवजी की मूर्ति या तस्वीर की पूजा श्रेष्ठ है. यह प्रश्न शिवभक्तों को अक्सर परेशान करता है. हर शिवभक्त चाहता है कि वह अपने आराध्य की पूजा उस प्रकार करे जो शिवजी को सबसे ज्यादा पसंद हो. शिवजी की पूजा लिंग स्वरूप में करें या फिर मूर्ति स्वरूप में दोनों ही शिवजी को प्रिय हैं.

शिवजी भोलेभंडारी हैं. बहुत शीघ्र प्रसन्न होने वाले. आप उन्हें लिंग विग्रह में पूजें या मूर्ति विग्रह में या ऐसे ही मन में भक्तिभाव के साथ ध्यान कर लें, उनकी पूजा हो जाती है.

शिवपुराण की बात करें तो उसमें शिवजी के लिंग विग्रह यानी शिवलिंग की पूजा को सर्वश्रेष्ठ बताया गया है. वहीं लिंग पुराण में शिवजी के विभिन्न मू्र्ति विग्रहों को विभिन्न प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण करने वाला बताया गया है.

उससे पहले संक्षेप में यह जान लें कि आखिर शिवजी लिंग रूप में क्यों हैं?

किसी कल्प में ब्रह्माजी और विष्णुजी के बीच विवाद खत्म करने के लिए शिवजी ने ऐसे अग्निपुंज का रूप धरा जिसका न तो आदि दिखता था न अंत. ब्रह्माजी और विष्णुजी से महादेव ने अग्निपुंज के आदि अंत का पता करने को कहा. वे न कर सके. इस तरह महादेव ने ब्रह्मा और विष्णु के मोह का नाश किया.

[irp posts=”6682″ name=”इन संकेतों से जानें आसपास भूत प्रेत आत्मा का वास तो नहीं”]

नारायण के अनुरोध पर शिवजी ने अपना आकार सूक्ष्म किया और लिंग स्वरूप में आ गए. इसलिए शिवजी की पूजा लिंग विग्रह में होने लगी. सबसे पहले यह पूजन नारायण और ब्रह्माजी ने किया था. अब हम जानेंगे शिवजी के विग्रह यानी मूर्ति रूप में पूजा का लाभ.

किस मनोकामना पूर्ति के लिए करें शिवजी के किस मूर्ति विग्रह की पूजा, अगले पेज पर पढ़ें.

शेष अगले पेज पर. नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें.

3 COMMENTS

  1. जय भोले नाथ

    ॐ नमः शिवाय

    प्रभु आप पर लाखो करोडो किरपाय बरसाय । धन्यवाद

Leave a Reply to Usha rani Cancel reply

Please enter your comment!
Please enter your name here