[sc:fb]
उस शक्तिशाली युवक द्वारा ढाढस बंधाने पर अंजना ने चेहरे से हाथ हटा कर आंखें खोलीं तो देखा कि उस बलशाली युवक को उन्होंने दूर से देखा था तो वह मानव सरीखा ही लग रह था.
अब जब उसने उस व्यक्ति को अपने पास देखा तो लगा कि कि उसका चेहरा भी वानर जैसा ही था. महाबलशाली युवक ने परिचय बताते हुए कहा कि वह कोई और नहीं वानरराज केसरी हैं जो जब चाहें इंसानी रूप में आ सकते हैं.
अंजना का वानर जैसा चेहरा उन दोनों को प्रेम करने से नहीं रोक सका और जल्द ही जंगल में रहते हुये वानरराज केसरी और अंजना ने विवाह कर लिया. केसरी और अंजना दोनों भगवान शिव के भक्त होने के कारण अधिकतर अपने आराध्य की तपस्या में लीन रहते थे.
तपस्या से प्रसन्न होकर एक दिन भोले बाबा ने उन्हें वरदान मांगने को कहा. अंजना ने शिव को कहा कि साधु के श्राप से मुक्ति पाने के लिए मुझे शिव के अवतार को जन्म देना है, इसलिए आप बालक के रूप में उनकी कोख से जन्म लें.
शेष अगले पेज पर. नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें.