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ज्योतिषशास्त्र में मंगल, शनि, सूर्य, राहु और केतु को विवाह में विलंब का कारक बताया गया है.
अगर आपकी जन्मकुंडली के सप्तम भाव में अशुभ या क्रूर ग्रह बैठ जाए, या फिर सप्तमेश और उसके कारक ग्रह बृहस्पति व शुक्र कमजोर हो जाएं तो विवाह में बाधा आती है.
अगर आपकी कुंडली में मंगल दोष है तो 28 साल की आयु तक विवाह न होना एक सामान्य बात है. 28 के बाद विवाह की प्रबल संभावना बनती है.
बृहस्पति विवाह के कारक ग्रह कहे जाते हैं. इसलिए गुरु को ठीक करके तथा दूसरे ग्रहों के दोषों को कम करके विवाह का योग बनाया जा सकता है.
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