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तोता:
ज्योतिषशास्त्र में तोता को शुक्र एवं बुध ग्रह का प्रतीक माना गया है. जन्म लग्न में भाग्येश बुध अथवा शुक्र होने पर अथवा उनके नीच हो जाने पर व्यक्ति का भाग्य अस्त हो जाता है.
तमाम प्रयासों के बावजूद भी उसकी किस्मत उसका साथ नहीं देती तो सफलता की संभावना नहीं के बराबर रहती है. ऐसे व्यक्ति की स्थिति बड़ी विचित्र हो जाती है. प्रतिभाशाली और मेहनती होकर भी उसे वह सब नहीं मिलता जिसका वह हकदार है.
ऐसे व्यक्ति को पिंजरा सहित 3, 6 या 7, तोते खरीदकर बुधवार या शुक्रवार को प्रातःकाल जंगस में मुक्त कर देना चाहिए. पिंजरे तोड़-मरोड़कर अज्ञात स्थान में फेंक दें अथवा जमीन में दबा दें. यह प्रयोग शुक्लपक्ष में 3, 6, या 7 बार करें, निश्चित रूप से ग्रह अनुकूल होंगे. तोते को कभी भी घर में पिंजरे में बंद करके न रखें, या घर में तोता बलपूर्वक न पालें. इससे बुध कुपित होते हैं. कुल की कोई संतान आगे चलकर बांझ या नपुंसक हो सकती है.
यदि तोता अपने आप कहीं से आ गया है और घर में रहने लगा हो तो उसकी सेवा करें. उसे पिंजरे में डालने का प्रयास न करें.
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अति सुदर वचन। धनयवाद।