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कुत्ता:

कुत्ता रुद्रावतार श्री बटुकभैरव का वाहन एवं शनि का प्रतीक माना जाता है. विभिन्न प्रकार की परालौकिक शक्तियों इसमें पाई जाती हैं. विपत्तियों की पूर्व सूचना देता है. कहते हैं कुत्ते को भोजन कराने से अपमृत्यु जैसा कष्ट भी टलता है.

कुत्ता पालने से लक्ष्मी आती है और कुत्ता घर के रोगी सदस्य की बीमारी अपने ऊपर ले लेता है.

यदि संतान की प्राप्ति नहीं हो रही हो तो काले कुत्ते को पालने से संतान की प्राप्ति की संभावना बढ़ती है.

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ज्योतिष में कुत्ते को केतु का प्रतीक भी माना जाता है. कुत्ता पालने या कुत्ते की सेवा करने से शनि के अलावा केतु का अशुभ प्रभाव भी समाप्त होता है. पितृपक्ष में कुत्तों को मीठी रोटी खिलानी चाहिए.

यदि शत्रु बार-बार भयभीत करता हो तो कुत्ते को प्रतिदिन भोजन देने से शत्रुभय का नाश होता है.

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किस्मत के बंद ताले कैसे खोलता है तोता. क्या तोता पालना चाहिए, कैसे पालना चाहिए. तोता कब शुभ और कब है अशुभ. तोते से जुड़े सारे ज्योतिषीय विधान, अगले पेज पर…

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