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मैं मांस खाने में कोई विचार नहीं करता और किसी भी जीव को खा लेता हूं. मैं स्वयं देवराज इंद्र से भी नहीं डरता यह बात सभी जानते हैं. मैं ही इस संपूर्ण क्षेत्र का अधिपति हूं. पूरे क्षेत्र में मेरी इच्छा कि विरुद्ध कोई प्रवेश या निवास नहीं कर सकता.
तपस्या करते बरसों बीत गए थे पर राम के समक्ष कुछ वन्य जीवों के अलावा आज तक कोई न आया था. अचानक कोई इस तरह पूरे वन क्षेत्र पर अधिकार जता रहा था. शंका हुई कि कहीं कोई तप में विघ्न डालने तो नहीं आया. (ब्रह्मांड पुराण)
व्याध ने राम से पूछा कि वह इधर क्यों आए? राम ने बताया कि वह शिवजी को प्रसन्न करने के लिए तप करने आए हैं. व्याध को इस बात की आपत्ति थी कि ब्रह्महत्या का दोषी उसके क्षेत्र में क्यों तप कर रहा है. राम ने ब्रह्महत्या की थी? व्याध यह सब कैसे जानता था?
यह प्रसंग अगली पोस्ट में….
संकलन व संपादनः प्रभु शरणम्
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