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तब उसी समय सर्प ने प्रकट होकर कहा- यदि मेरी धर्म बहिन के आचरण पर संदेह प्रकट करेगा तो मैं उसे खा लूंगा. यह सुनकर छोटी बहू का पति बहुत प्रसन्न हुआ और उसने सर्प देवता का बड़ा सत्कार किया.

उसी दिन से नागपंचमी का त्योहार मनाया जाता है और स्त्रियां सर्प को भाई मानकर उसकी पूजा करती हैं. भाई से अपने कुटुंबजनों की रक्षा का आशीर्वाद मांगती है.

कल हम सर्प पूजा से जुड़ी कई प्रचलित दंतकथाएं लेकर आएंगे.
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