December 7, 2025

परमात्मा सच्चा सुख, संसार उसकी मायाः माया में फंसी प्रजा और राजा क्यों नाले में कूदे?- प्रेरक कथा

God-Vishnu
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एक रानी अपने गले का हीरों का हार निकालकर खूंटी पर टांगने वाली ही थी कि एक बाज आया और झपटा मारकर हार ले उड़ा. चमकते हीरे देखकर बाज ने सोचा कि खाने की कोई चीज हो. वह एक पेड़ पर जा बैठा और खाने की कोशिश करने लगा.

हीरे तो कठोर होते हैं. उसने चोंच मारा तो दर्द से कराह उठा. उसे समझ में आ गया कि यह उसके काम की चीज नहीं. वह हार को उसी पेड़ पर लटकता छोड़ उड़ गया.

रानी को वह हार प्राणों सा प्यारा था. उसने राजा से कह दिया कि हार का तुरंत पता लगवाइए वरना वह खाना-पीना छोड़ देगी. राजा ने कहा कि दूसरा हार बनवा देगा लेकिन उसने जिद पकड़ ली कि उसे वही हार चाहिए.

सब ढूंढने लगे पर किसी को हार मिला ही नहीं. रानी तो कोप भवन में चली गई थी. हारकर राजा ने यहां तक कह दिया कि जो भी वह हार खोज निकालेगा उसे वह आधे राज्य का अधिकारी बना देगा.

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