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दूसरा रास्ता है कि दूसरों की कुछ कमियों को नजरअंदाज करें, उसकी अच्छाइयां ढूंढ़कर उसे हौसला दें और फिर सांकेतिक रूप से उसकी कमियों पर ध्यान दिला दें ताकि वह उन्हें दूर कर सके. कोई व्यक्ति अपने प्रशंसक का परामर्श ज्यादा सुनता है निंदक का नहीं.

आजकल लोग दूसरे की कमियां बहुत जल्दी ढूंढ लेते हैं चाहें उनमें स्वयं अनगिनत कमियां हों. सोचिए अगर हम भी उस चित्रकार की तरह कमियों को छुपाते हुए उसे अच्छाई की प्रेरित करें तो धीरे-धीरे दुनियां से बुराइयां खत्म होनी शुरू हो जाएंगी.

नकारात्मक परिस्थितियों में भी सकारात्मक सोच के साथ चलें तो समस्याओं का हल निकालना ज्यादा आसान हो जाएगा.
संकलन व संपादनः प्रभु शरणम्
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