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हम अपने-अपने हिस्से की बाटी लेकर खाने बैठे ही थे कि भूख-प्यास से तड़पते हुए एक महात्मा आ गये.

अंगार खाने वाले भइया से महात्मा ने कहा- बेटा मैं दस दिन से भूखा हूं. अपनी रोटी में से मुझे भी कुछ दे दो जिससे मेरा भी जीवन बच जाय. उस रोटी को खाकर इस घोर जंगल से पार निकलने की मुझमें भी कुछ सामर्थ्य आ जायेगा.

गूगल ने प्रभु शरणम् को 4.7 की रेटिंग दी है. आज तक ऐसी रेटिंग किसी हिंदू धार्मिक ऐप्प को नहीं मिली है.कुछ तो बात होगी कि गूगल इसे देता है ऐसी शानदार रेटिंग.

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इतना सुनते ही भइया गुस्से से भड़क उठे और बोले- तुम्हें दे दूंगा तो मैं क्या आग खाऊंगा? चलो भागो यहां से.

वे महात्माजी फिर मांस खाने वाले भइया के निकट आये उनसे भी अपनी बात कही किन्तु उन भइया ने भी महात्मा से गुस्से में आकर कहा- बड़ी मुश्किल से प्राप्त ये रोटी अगर तुम्हें दे दूंगा तो मैं क्या अपना मांस नोचकर खाऊंगा? यहां से तत्काल भागो.

भूख से लाचार वह महात्मा मेरे पास भी आए.

मुझसे भी बाटी मांगी तथा दया करने को कहा किन्तु मैंने भी भूख में धैर्य खोकर कह दिया कि चलो आगे बढ़ो मैं क्या भूखा मरुँ?

बालक बोला- अंतिम आशा लिए वह महात्मा आपके पास आए. आपसे भी दया की याचना की सुनते ही आपने उनकी दशा पर दया करते हुये ख़ुशी से अपनी बाटी में से आधी बाटी आदर सहित उन महात्मा को दे दी.

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2 COMMENTS

  1. Karma n reincarnation at play in life. Totally agree that a good Astrologer can forward you. This may help you to cushion the blow.

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