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अंधकासुर के आंतक से मुक्ति दिलाने के बाद महादेव ने अंगारक से कहा- तुम मेरे तामस गुण से उत्पन्न हुए हो. इसलिए तुम्हारे तेज को सहने में संसार को पीड़ा हो रही है.

तुम मंगल नाम से ग्रहों के मध्य सेनापति के रूप में विद्यमान होकर पृथ्वी का कल्याण करो. जिस स्थान पर मंगल की उत्पत्ति हुई थी वहां ब्रह्मा ने मंगलेश्वर शिवलिंग की स्थापना की.

वर्तमान में यह स्थान मंगलनाथ मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है, जो उज्जैन में स्थित है. मंगल ग्रह के उत्पत्ति की यह कथा स्कंद पुराण के अवंतिका खंड में आई है.

संकलन व प्रबंधन: प्रभु शरणम् मंडली
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