GANGA
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आज गुरुवार को गंगा दशहरा है. गंगा दशहरा यानी माता गंगा का धरती पर अवतरण का पुण्य दिवस. भागीरथ के प्रयासों से प्रसन्न होकर मोक्षदायिनी मां गंगा धरती पर उतरीं.

वराह पुराण में लिखा है कि ज्येष्ठ शुक्ला दशमी को हस्त नक्षत्र में देवी गंगा स्वर्ग से धरा अवतीर्ण हुई थी. वह दस पापों को नष्ट करने वाली हैं. इस कारण उस तिथि को दशहरा कहते हैं.

बिना दी हुई वस्तु ग्रहण कर लेना, निषिद्ध हिंसा, परस्त्री गमन ये तीन दैहिक पाप हैं. उग्र बात करना, असत्य बोलना, चुगली और अनर्गल प्रलाप ये चार वाणी जन्य पाप कहे गए हैं.

दूसरे के धन हड़पने की नीयत रखना, मन से किसी के अहित का विचार करना और किसी के प्रति दुराग्रह रखना ये तीनों मानसिक पाप कहे गए हैं.

गंगा दशहरा के दिन गंगातट पर दस दीप, दस सुगंधित पुष्प, दसांग और नैवेद्य आदि से मां गंगा की आराधना करने से इन दस पापों से मुक्ति मिलती है.

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