हमारा फेसबुक पेज लाईक करें.[sc:fb]
लड़का जान बचाने के लिए चिल्लाने लगा. पार्वतीजी से उस बच्चे की चीख सुनी न गई.  द्रवित हृदय होकर वह तालाब पर पहुंचीं.

मगरमच्छ लडके को तालाब के अंदर खींचकर ले जा रहा है. लडके ने देवी को देखकर कहा- मेरी न तो मां है न बाप. न कोई मित्र. माता आप मेरी रक्षा करो.

पार्वतीजी ने कहा- हे ग्राह! इस लडके को छोड दो. मगरमच्छ बोला- दिन के छठे पहर में जो मुझे मिलता है, उसे अपना आहार समझकर स्वीकार करना, मेरा नियम है.

ब्रह्मदेव ने दिन के छठे पहर इस लडके को भेजा है. मैं इसे क्यों छोडूं? पार्वतीजी ने विनती की- तुम इसे छोड़ दो. बदले में तुम्हें जो चाहिए वह मुझसे कहो.

मगरमच्छ बोला- एक ही शर्त पर मैं इसे छोड़ सकता हूं. आपने तप करके महादेव से जो वरदान लिया, यदि उस तप का फल मुझे दे दोगी तो मैं इसे छोड़ दूंगा.

शेष अगले पेज पर. नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here