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पुजारी ने कहा- जो निर्लोभ है, दीनों पर दया करता है, जो बिना किसी स्वार्थ के दान करता है और दुखियों की सेवा करता है, वही सबसे बड़ा पुण्यात्मा है. किसान तुमने अपने सामर्थ्य से अधिक दान किया है. इसलिए महादेव के इस उपहार के तुम अधिकारी हो.

मित्रों, हम अक्सर सोचते हैं कि यदि हम भी बिल गेट्स जैसी संपत्ति वाले होते तो इतना दान करते, अमुक पुण्यकर्म करते. दानशीलता के भाव का संपत्ति से कोई सरोकार नहीं.

यदि आपके मन में दान का भाव है तो सूखी रोटी में से एक टुकड़ा जरूरतमंद को देंगे. आपने अरबपतियों को गरीब दुखियारे का हक डकारते हुए भी देखा हो. यही संचित कर्म तय करते हैं कि अगले जन्म में आपकी क्या गति होगी. पुण्य संचित करिए.

संकलन व प्रबंधन: प्रभु शरणम् मंडली

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