December 7, 2025

भागवत कथाः दुर्वासा के शाप से राक्षस बने तृणावर्त का श्रीकृष्ण के हाथों उद्धार

Krsna kills Trinavarta
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जब कंस को मालूम हुआ कि पूतना का वध हो गया है तो वह और भयभीत हो गया. उसने अपने निजी रक्षक तृणावर्त राक्षस को श्रीकृष्ण की हत्या करने के लिए भेजा.

तृणावर्त गोकुल में पहुंच गया. प्रभु को इसकी सूचना हो गई. माता यशोदा उन्हें दूध पिला रही थीं. श्रीकृष्ण ने अपना वजन चट्टान सा भारी कर लिया. माता के लिए भार असह्य हो गया.

उन्होंने कन्हैया को आंगन में लिटाया और भीतर चली गईं. तभी तृणावर्त वहां पहुंच गया. तृणावर्त बवंडर बन जाता था और और बड़े-बड़े पेड़ों चट्टानों को उखाड़कर विध्वंस मचा सकता था.

तृणावर्त बवंडर बनकर गया और कन्हैया को अपने साथ ले उड़ा. उसने सोचा कि कन्हैया को खूब आकाश के चक्कर लगाऊंगा और फिर जमीन पर पटककर प्राण ले लूंगा. श्रीकृष्ण ने अपना भार बहुत बड़ा लिया.

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