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भगवान ही कुछ ऐसा इशारा करेंगे कि समझ में आ जायेगा कि रोटी किसे कहानी चाहिए. ऐसा सोच कर वे तीनों लेट गए. थके होने के कारण जल्द ही सबकी आँख लग गयी.

अगली सुबह उठे तो पहले व्यक्ति ने कहा- कल रात मेरे सपने में एक देवदूत आए, मुझे स्वर्ग की सैर पर ले गए. सचमुच इससे पहले मैंने कभी ऐसे दृश्य नहीं देखे थे. असीम शांति, असीम सौंदर्य.

मैंने हर जगह देखी. जब मैं भ्रमण के अंतिम चरण में था तो सफ़ेद वस्त्र पहने एक महात्मा ने मुझसे कहा- पुत्र ये रोटी लो. इसे प्रसाद समझो और अपनी भूख मिटाओ.

पहले ने बात खत्म ही की थी कि दूसरा बोला- कितनी अजीब बात है. मैंने भी बिलकुल ऐसा ही सपना देखा. अंत में महात्मा ने मुझे स्पष्ट आदेश दिया कि मैंने जीवन भर लोगों का भला किया है इसलिए रोटी पर मेरा ही हक़ बनता है.
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2 COMMENTS

  1. सच बात . समाज में संतोने प्रबोधन काही कार्य किया है ढोंगी पंखण्डियों से बचाव करने के लिये। जिसकी आज भी जरुरत है।

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