अब आप बिना इन्टरनेट के व्रत त्यौहार की कथाएँ, चालीसा संग्रह, भजन व मंत्र , श्रीराम शलाका प्रशनावली, व्रत त्यौहार कैलेंडर इत्यादि पढ़ तथा उपयोग कर सकते हैं.इसके लिए डाउनलोड करें प्रभु शरणम् मोबाइल ऐप्प.
Android मोबाइल ऐप्प के लिए क्लिक करें
iOS मोबाइल ऐप्प के लिए क्लिक करें
एक निर्धन व्यक्ति था. वह रोज भगवान विष्णु और लक्ष्मी देवी की पूजा करता था. अपनी पूजा में व हमेशा यह मांगता कि प्रभु दरिद्रता दूर कर दो.
वह अक्सर सोचता कि काश उसके पास राजा की तरह धन धन होता. वह स्वयं तो ऐश-मौज से जिंदगी बिताता ही किसी को भी गरीब न रहने देता.
एक बार दीपावली पर उसने पूजा की और यही मंशा दोहराई. भगवती लक्ष्मी उसकी आराधना और मन की भावना दोनों से प्रसन्न हो गईं.
वह उसके सामने प्रकट हुईं और उसे एक अंगूठी देकर कहा इसे धारण कर लो. यह तुम्हारी सारी मनोकामना को पूरा करने में सहायता करेगी.
अंगूठी सामान्य नहीं थी. उसे पहनकर उस व्यक्ति ने जैसे ही अगले दिन धन पाने की कामना की, उसके सामने धन का ढेर लग गया.
शेष अगले पेज पर. नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें.