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इस पोस्ट में हम आपको हनुमानजी की पूजा से जुड़ी उपयोगी बातें बताएंगे. यह पोस्ट हनुमान साधकों के परामर्श से तैयार की गई है और यह इसका पहला अंश है. कई भाग में हनुमद् साधना और आराधना विषय पर बताया जाएगा. फेसबुक और वेबसाइट पर हो सकता है आप हमारी अगली पोस्ट मिस कर दें जो कि बहुत ज्यादा काम की होगी इसलिए परामर्श है कि प्रभु शरणम् एप्पस ही डाउनलोड कर लें. इस तरह आपको सभी पोस्ट निश्चित रूप से प्राप्त होगी. ऐप्पस का लिंक ऊपर में है.उसे क्लिक करके डाउनलोड कर लीजिए- फ्री है.

स्त्रियों के लिए हनुमानजी की पूजा को लेकर बहुत से भ्रम हैं. हनुमानजी पर आधारित पोस्ट की शृंखला के पहले पोस्ट में स्त्रियों की पूजा संबंधी भ्रम का निवारण करेंगे.

हनुमानजी की दैनिक पूजा कैसे करनी चाहिए यह बताएंगे. किस प्रकार की बाधा मुक्ति के लिए कौन सा अनुष्ठान करना चाहिए और हनुमानजी की पूजा में क्या रखनी होती हैं सावधानियां.

आपके लिए यह पोस्ट हमेशा काम आएगी.

कलियुग में हनुमाजी इतने प्रभावशाली क्यों हैं?

कलियुग में हनुमानजी सबसे प्रभावशाली देवों में हैं. भगवान ने उन्हें अमरत्व देकर सृष्टि के कल्याण और दुष्टों के दलन के लिए ही भेजा है.

साक्षात शिवजी की शक्ति और हरि की भक्ति के सबसे कुशल, बलशाली संयोग हैं हनुमानजी इसलिए वह सबसे प्रभावशाली हैं. त्याग, तपस्या, भक्ति और ब्रह्मचर्य- ये चारों किसी की भी शक्तियों में अतुलित वृद्धि करते हैं. शायद ही कोई अन्य देव इन चारों से युक्त है. हनुमानजी इस कारण भी इतने प्रभावशाली हैं

किसी भी जातक को ग्रह बाधाएं ही सबसे ज्यादा प्रभावित करती हैं. यह बात संसार में किसी से छुपी नहीं कि हनुमानजी ने बाल्यकाल में ही ग्रहों के अधिपति भगवान सूर्य को मुख में रख लिया था. फिर उनके शिष्य बनकर समस्त ज्ञान प्राप्त किया.

सूर्यपुत्र शनि एवं अन्य ग्रहों को रावण के बंधन से मुक्त कराया था. इस कारण ग्रह देवता हनुमानजी के ऋणी हैं.

हनुमानजी का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ता है परंतु शनि, सूर्य, मंगल और राहू ग्रह पर वह विशेष आधिपत्य रखते हैं. ये चारों पापग्रह हैं इस प्रकार पापग्रहों पर विशेष प्रभाव रखने के कारण भी हनुमानजी बहुत प्रभावशाली हो जाते हैं.

भगवान श्रीराम के संकट में पड़ने पर हनुमानजी ने बल और बुद्धि दोनों के संतुलित प्रयोग से न सिर्फ प्रभु के संकटों का समाधान किया अपितु प्रभु की प्रतिष्ठा भी बढ़ाई. इस कारण भगवान श्रीराम ने अपने पुण्य हनुमानजी को दान कर दिए.

भगवान श्रीराम के पुण्यों की शक्ति से भी संपन्न हैं हनुमानजी इसलिए भी वह बहुत प्रभावशाली हैं.

आगे की शृंखलाओं में हम विंदुवार प्रत्येक तथ्य का विश्लेषण करेंगे और आपको धीरे-धीरे ज्ञान होगा कि किस प्रकार से हनुमानजी की साधना के फल हैं. आज आरंभिक पोस्ट है इसलिए मूल बातों को प्रस्तुत करते हैं जिसके लेकर सबसे ज्यादा कौतूहल और शंका दोनों रहती है. आपको पुनः स्मरण करा दें कि आप प्रभु शरणम् ऐप्पस ही डाउनलोड कर लें ताकि सारी जानकारियों से परिचित होते रहें. पुनः लिंक दिया जा रहा है इसके नीचे-

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