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स्त्रियों द्वारा हनुमद् आराधना:-
हनुमानजी की उपासना के संदर्भ में एक आम भ्रम है महिलाएं उनकी पूजा नहीं कर सकतीं. महिलाओं के लिए हनुमानजी की साधारण पूजा कभी वर्जित नहीं है. बस रजस्वला स्थिति में पूजा करना मना है.
हनुमानजी की साधना और विशेष पूजा की प्रक्रिया लंबे अवधि की होती है और जिसे महिलाएं नहीं कर सकतीं हैं क्योंकि बीच में व्यवधान उत्पन्न हो जाते हैं. इसलिए हनुमान सधना केवल पुरुषों ही करते हैं. परंतु सामान्य पूजा स्त्रियां जरूर करें. स्त्रियां हनुमानजी को उपवस्त्र समर्पित न करें. वे केवल जनेऊ चढ़ाएं.
ज्योतिषशास्त्र के हिसाब से जिन राशियों के स्वामी मंगल और शनि हैं उन्हें हनुमानजी की पूजा विशेष रूप से करनी चाहिए. जो हनुमानजी को अपना इष्ट मानते हैं उन्हें रोजाना हनुमद् आराधना और पाठ करना चाहिए.
हनुमद आराधना के साथ एक सुमगता की बात यह है कि इसके लिए कोई बहुत विशेष तैयारी की आवश्यकता नहीं होती. विभिन्न मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए हनुमानजी के विशिष्ट मंत्र और पाठ हैं जिनके जप से सारी अभिलाषाएं पूर्ण होती हैं.
यदि हनुमान साधक किसी कारणवश किसी दिन विधिवत पूजा नहीं कर पाते तो भी उनके एक विशिष्ट मंत्र
“ऊं हं हनुमते नम:” की यदि एक माला जप लें तो भी पूजा पूर्ण हो जाती है.
जिन्हें भूत-प्रेत से बहुत भय होता है यदि वे इस मंत्र का रात को सोने से पहले जप करें तो कुछ ही दिनों में एक ऐसा कवच तैयार हो जाता है जो उन्हें भूत-प्रेत के भय से मुक्त रखता है. इसका जप करने से पहले पवित्र होकर स्वच्छ कपड़े पहन लेने चाहिएं.
यदि आप किसी पीड़ा से परेशान हैं तो ऐसे में हनुमानजी के साबर मंत्र शीघ्र समाधान या राहत देने वाले होते हैं. इस मंत्र की साधना में एक सावधानी जरूरी है इस मंत्र का प्रयोग वही लोग करें जिनका खान-पान शुद्धता और वे अन्य बुराईयों से दूर हों अन्यथा लेने के देने पड़ जाते हैं. हर बाधा के लिए अलग साबर मंत्र बताए गए हैं जो किसी हनुमान साधक के परामर्श से ही करनी चाहिए.
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