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इस तरह सती अवतार के समाप्ति और पार्वती अवतार की पृष्ठभूमि तैयार हुई. सती ने पिता दक्ष के यज्ञ में प्राण त्याग दिए और शिव ने क्रोध में आकर सब तहस-नहस कर दिया. (रामचरितमानस-बाल कांड का प्रसंग)

असुरराज तारकासुर ने देवों को पीड़ित कर रखा था. उसका वध शिवपुत्र के हाथों ही लिखा था. तारकासुर से मुक्ति दिलाने के लिए शिव-विवाह जरूरी था. कैसे रची गई सती-शिव के पुनर्विवाह की लीला. पढ़िए कल सुबह की राम कथा में.

संकलन व प्रबंधन: प्रभु शरणम् मंडली

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