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गणेश पूजा में आवश्यक बातें जो ध्यान रखें-

आसन समर्पण करते समय आसन पर पांच फूल रखें.

पाद्य में- चार बार जल, दूब, कमल अर्पित करें

अर्घ्य में- चार बार जल, जायफल, लौंग आदि

मधुपर्क में- कांस्य पात्र में घी, मधु और दही दें.

मधुपर्क के आचमन में सिर्फ एक बार जल दें.

स्नान में- पचास बार जल छिड़कें

वस्त्र- बारह अंगुल से बड़ा और नया वस्त्र होना चाहिए

धूप- गूगल का हो और कांसे के पात्र में हो तो अच्छा

नैवेद्य- एक व्यक्ति के भोजन के लिए पर्याप्त होना चाहिए

दीप- कपास की बाती कम से कम चार अंगुल की. घी के दीपक से भगवान की सात बार आरती की जाती है.

दूर्बा व अक्षत- मोटे अंदाजे से संख्या सौ के ऊपर ही रखें.

जो सामग्री उपलब्ध नहीं हो पाती उसके लिए भगवान गणपति का ध्यान करके उनसे क्षमा प्रार्थना कर लें और विनती करें कि हे गजानन, गौरीसुत गणेशजी आप हमें सामर्थ्य दें कि अगले वर्ष आपकी पूजा में समस्त सामग्री से पूर्ण होकर आपकी पूजा करें.

इसके बाद चतुर्थी की कथा कहें. कथा के बाद प्रभु की विधिवत आरती करें और प्रसाद वितरण करें.

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